Lyrics
आ कही दूर चले जाए हम
आ कही दूर चले जाए हम
दूर इतना की हमें च्छू ना सके कोई घाम
आ कही दूर चले जाए हम
आ कही दूर चले जाए हम
दूर इतना की हमें च्छू ना सके कोई घाम
आ कही दूर चले जाए हम
फूलों और कलियों से
महके हुए इक जुंगल में
एक हसीन झील के साहिल
पे हमारा घर हो
ऊस में भीगी हुई घास
पे हम चलते हो
रंग और नूवर में डूबा
हुआ हर मंज़र हो
मैं तुझे प्यार करू मेरे सनम
तू मुझे प्यार करे मेरे सनम
आ कही दूर चले जाए हम
दूर इतना की हमें च्छू ना सके कोई घाम
आ कही दूर चले जाए हम
शाम का रंग हो गहरा तो सितारे जागे
रात जो आए तो रेशम से अंधेरे लाए
चाँद जब झील के
पानी में नहाने उतरे
मेरी बाहों में तुझे
देख के शर्मा जाए
मैं तुझे प्यार करू मेरे सनम
तू मुझे प्यार करे मेरे सनम
आ कही दूर चले जाए हम
दूर इतना की हमें च्छू ना सके कोई घाम
आ कही दूर चले जाए हम.
JAVED AKHTAR, NAGRATH RAJESH ROSHAN
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