ओवे जानिया जी दे जानिया
जिंदड़ी दे जानिया ओवे जानिया
ओवे जानिया जी दे जानिया
जिंदड़ी दे जानिया ओवे जानिया
इश्क को जीने मरने के
तराजू में ना तोल रे
इश्क करे जो वो ही जाने
क्या है इसका मोल रे
इश्क़ बढ़ाया तू हो हो उ उ
इश्क़ बढ़ाया तू
जब दिल ने रब से पूछा
तेरी अखियों से दिया जवाब
इश्क़ दा रुतबा
इश्क़ दा रुतबा
हो सबसे ऊँचा
ओवे जानिया जी दे जानिया
मेरे दिल दे जानिया ओवे जानिया
ओवे जानिया जी दे जानिया
जिंदड़ी दे जानिया ओवे जानिया
जो करे ईबादत यार की उसका
दुष्मन बने जहां रे
और दूजी तरफ क्यों झुक कर सज्दे
करता है आस्मां रे
जबसे बनी दुनिया
जबसे बनी दुनिया
सवाल ये दिल ने तबसे पूछा
तेरी अखियों से मिला जवाब
इश्क दा रुतबा
इश्क दा रुतबा
हो सबसे ऊँचा
ओवे जानिया जी दे जानिया
जिंदड़ी दे जानिया ओवे जानिया
ओवे जानिया जी दे जानिया
जिंदड़ी दे जानिया ओवे जानिया