Lyrics
धूप में निकला न करो रूप की रानी
गोरा रंग काला न पड़ जाए
धूप में निकला न करो रूप की रानी
गोरा रंग काला न पड़ जाए
मस्त मस्त आँखों से
छलकाओ न मदिरा
मधुशाला में ताला न पड़ जाए
धूप में निकला न करो रूप की रानी
गोरा रंग काला न पड़ जाए
आ आ आ आ आ आ आ आ
ला रा रा ल रा रा ला रा रा
तुम जो थक गयी हो
तोह बाहों में उठा ले
तुम जो थक गयी हो
तोह बाहों में उठा ले
हुक्म दो हमें
तोह अभी पालकी ला दे
पंत हैं पथरीला
पैदल न चलो तुम
पंत हैं पथरीला
पैदल न चलो तुम
कहीं पाँव में
छाला न पड़ जाए
धूप में निकला न करो रूप की रानी
गोरा रंग काला न पड़ जाए
धुप हो या छाँव
सजन मैं तोह आयूंगी
धुप हो या छाँव
सजन मैं तोह आयूंगी
तुमसे मिलने आग पे
भी जलके जाउंगी
एक पल भी तनहा
तुम्हे छोड़ू तोह कैसे
हां एक पल भी तनहा
तुम्हे छोड़ू तोह कैसे
किसी सौतन से पाला न पड़ जाए
धूप में निकला न करो रूप की रानी
गोरा रंग काला न पड़ जाए
मस्त मस्त आँखों से
छलकाओ न मदिरा
मधुशाला में ताला न पड़ जाए.
BAPPI LAHIRI, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVAR
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