Lyrics
तड़प तड़प सागरी रैन गुज़री
कौन देस गयो सवारिया
बेशक याद हे आपको याद हे हमने ये गीत कब और कहाँ रचा था
जी नहीं
यही, यही इस ताप पर और वो भी भरे दरबार में
सारा मंजर एक तस्वीर की तरह हमारे सामने हे
एक आदमी हमारे सामने हाथ बांधे खड़ा हे
उसकी फर्याद सुनी जा रही हे
के अचानक एक बड़ी अनोखी बात होती हे
हमारे कानो में उसकी आवाज आनी बंद हो जाती हे
और उसकी बजाय
रेन गुजरे कौन देश गयो सवारियां
ओ बल आयी अखियां मध्वारी
तड़प तड़प गयी चुनरिया
तुम्हारे घोड़न मेरे
द्वारे से जो निकसे
सुध भूल गयी में बावारिया
तड़प तड़प सागरी रैन गुज़री
कौन देस गयो सवारिया
BIRJU MAHARAJ, REBA MUHURI, WAZID ALI SHAH
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