Lyrics
हर बार की तरह तैयार मैं
खून की नदियों की धार मैं
बचने का रास्ता कोई नहीं
मौत का हूँ गले में हार मैं
आता है जीना यूँही
कोई समझ ना पायेगा
अब मुझको ये नरक से
कौन खींच पायेगा
आ आ आ आ आ आ
तेरे बिन तेरे बिन तेरे बिन
मुझे मुझसे कौन बचाएगा
तेरे बिन
तेरे बिन तेरे बिन तेरे बिन
मुझे मुझसे कौन बचाएगा
तेरे बिन
तेरे बिन तेरे बिन तेरे बिन
मुझे मुझसे कौन बचाएगा
तेरे बिन
मरघट आज बनेगी
सारी ये ज़मीन
लहसुन को देख के
कहूंगा आफरीन
सांस लेने का जो
रोग फैला है यहाँ
बनके दवा में
उसको छोडूंगा नहीं
मेल जो है दिमाग में
वो साफ़ हो ना पायेगा
अब मुझको ये नरक से
कौन खींच पायेगा
आ आ आ आ आ आ
तेरे बिन तेरे बिन तेरे बिन
मुझे मुझसे कौन बचाएगा
तेरे बिन
तेरे बिन तेरे बिन तेरे बिन
मुझे मुझसे कौन बचाएगा
तेरे बिन
Siddhant Kaushal
Raleigh Music Publishing LLC